Sunday, 19 March 2017

Some of Students Trained and Placed By ISDE -Employment Link Multi Skill Development & Employment


Minister Of State For Social Justice And Empowerment Updated Lok Sabha On Skill Development Of SCs/STs And OBCs

New Delhi : The skill development programme for Scheduled Castes, safai Karamcharies and Backward Classes is being implemented by the three Finance and Development Corporations under the Department of Social Justice & Empowerment viz. (i) National Scheduled Castes Finance and Development Corporation (ii) National Safai Karamcharis Finance and Development Corporation, and (iii)  National Backward Classes Finance and Development Corporation. Further, under the scheme Special Central Assistance to Scheduled Caste Sub Plan (SCA to SCSP), State Governments are required to utilize at least 10% of their allocated funds for skill development purposes.
For Scheduled Tribes (ST), the Ministry of Tribal Affairs follows a multi-pronged approach to address the skill development needs and aspirations of the unemployed youths of the target group.
Skill Development Training for Scheduled Castes/safai karamcharies and OBCs are being organised by the three Corporations in different trades including Computer Technology, Apparel Technology, Plastic Technology, Manufacturing of leather goods, construction skills, etc. The trainees from the target groups are provided free training and a monthly stipend. These courses are conducted by Sector Skill Councils and other reputed institutes. On successful completion of training, the trainees are also provided placement assistance and/or entrepreneurial guidance to start their own ventures with financial assistance.
As per the Ministry of Tribal Affairs, it implements the scheme of Vocational Training Centres, under which funds are provided to State Governments/UTs Administrations and other agencies for skill training of ST youths in different trades. Funds are also provided under Special Central Assistance to Tribal Sub Plan (SCA to TSP) and by way of grants under Article 275 (1) of the Constitution for skill development of STs. Funds are released on receipt of proposals by State Governments subject to requisite information and availability of funds.
This information was given by Minister of State for Social Justice and Empowerment Shri Vijay Sampla in a written reply in Rajya Sabha today.

ग्रामीण इलाकों के हुनरमंद शिल्पकारों को बढ़ावा देने के लिए इंडिया इंटरनैशनल ट्रेड फेयर की तर्ज होगा “आजीविका मेला”


नई दिल्ली  : हाथों से तैयार किए गए राजस्थान के ट्रडिशनल बैग, बिहार की मधुबनी पेंटिंग जैसे कई बेहतरीन क्राफ्ट से सजा हुआ मेला अप्रैल से शुरू होने जा रहा है। इस मेले की खास बात ये है कि देश भर के ग्रामीण इलाकों के हुनरमंद शिल्पकारों को बढ़ावा देने के मकसद से इंडिया इंटरनैशनल ट्रेड फेयर की तर्ज पर ही एक बड़े मेले का आयोजन किया जा रहा है।
इंडिया ट्रेड प्रमोशन आर्गनाइजेशन (आईटीपीओ) की तरफ से पहली बार नया मेला शुरू हो रहा है, जिसमें दिल्ली समेत देशभर के हैंडीक्राफ्ट के कई नायाब, खूबसूरत आर्ट वर्क को एक ही जगह पर देखने का अवसर मिलेगा। 14 से 23 अप्रैल तक यह मेला चलेगा। आईटीपीओ के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि इस मेले में लोगों की एंट्री फ्री होगी। इसमें देश भर से 5 हजार से ज्यादा शिल्पकारों के आने की उम्मीद है। इन्हें 50 पर्सेंट से ज्यादा डिस्काउंट रेट पर स्टॉल दिए जाने की प्लानिंग है। साथ ही क्राफ्ट से जुड़े हुई विमिन आंत्रप्रन्योर को भी कई अवसर मिलेंगे। स्किल इंडिया और स्टार्ट अप इंडिया के तहत कई शिल्पकारों को काफी बड़ा प्लेटफॉर्म मिलेगा। साथ ही मेले में आर्ट प्रोडक्ट, हैंडलूम प्रोडक्ट भी यहां पर प्रदर्शित किए जाएंगे। आईटीपीओ पहली बार लोगों के लिए इस तरह का मेला शुरू कर रहा है, जिसमें उन्हें एक ही जगह पर देश की कई अलग-अलग राज्यों के शिल्पकारों के प्रोडक्ट खरीदने का मौका मिलेगा। योजना के तहत अभी इस मेला का आयोजन हॉल नंबर 14 और 18 में किया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि इस मेले का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर सकते हैं।

Friday, 3 March 2017

मुख्यमंत्री युवा स्वावलंबन योजना' के प्रथम चरण में 25 हजार छात्रों को मिलेगा प्लेसमेंट, दुर्ग में बनेगा नोडल सेंटर


दुर्ग (छत्तीसगढ़) : तकनीकी व सामान्य डिग्री कॉलेजों में पढ़ रहे 25 हजार फाइनल ईयर छात्रों को जल्द ही नौकरी के अवसर मिलेंगे। छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसाइटी (चिप्स) ने इसके लिए प्लान बना लिया है। चिप्स कार्यालय में योजना का उद्घाटन किया गया । इसे नाम दिया है ‘मुख्यमंत्री युवा स्वावलंबन योजना’। अधिकारियों के मुताबिक योजना की शुरुआत जिले के 11 इंजीनियरिंग कॉलेजों से होने जा रही है, जिसमें करीब 20 हजार छात्र शामिल होंगे। सामान्य कॉलेजों के 5 हजार छात्रों को प्लेसमेंट मिलेगा।
क्या है प्लान
चिप्स ने प्रथम चरण के लिए रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव और बिलासपुर जिले के 25-25 शासकीय व इंजीनियरिंग कॉलेजों का चयन किया है। इसमें दुर्ग जिले के 7 सामान्य डिग्री कॉलेज शामिल हैं। सभी कॉलेजों ने यूजी फाइनल ईयर छात्रों का डेटा मांगा गया है। कॉलेज जिन छात्रों को चिन्हित करेगा, उन्हें मई में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बाद चिप्स इन छात्रों के लिए नजदीकी संस्थानों में ट्रेनिंग कराएगी। ट्रेनिंग के लिए नामी कंपनियों को बुलाया जाएगा।
छात्र देंगे ऑनलाइन टेस्ट
अधिकारियों के मुताबिक योजना को लागू करने से पहले चिप्स ने छोटी-बड़ी कंपनियों के साथ करार किया है। चिप्स छात्रों को कंपनियों की डिमांड के मुताबिक ही तैयार करेगा। ट्रेनिंग समाप्त होने के बाद छात्रों को प्लेसमेंट पाने एक ऑनलाइन टेस्ट देना होगा। इसमें सामान्य ज्ञान, एप्टीट्यूड, एबिलिटी जैसे बिंदु शामिल होंगे।
दुर्ग में बनेगा नोडल सेंटर
ट्रेनिंग व प्लेसमेंट सहित योजना के तमाम कामकाज के लिए चिप्स दुर्ग में नोडल सेंटर बनाएगा। यह योजना मुख्यमंत्री कौशल विकास से बिल्कुल अलग है। इसमें सिर्फ फाइनल ईयर के छात्रों को ही शामिल किया जाना है। कार्यक्रम की लॉन्चिंग के दौरान चिप्स के अधिकारी, उच्च शिक्षा आयुक्त, चार जिलों के कॉलेज प्राचार्य, डीटीई के अधिकारी मौजूद रहे। सभी को उनकी जिम्मेदारी बता दी गई है। टेस्ट पास कर लेने वाले छात्रों को सीधे कंपनियों के साथ इंटरव्यू का मौका मिलेगा। ऑनलाइन टेस्ट कराने के लिए चिप्स इंजीनियरिंग कॉलेजों की मदद लेगा।
25 हजार को नौकरी दिलाने का लक्ष्य
साइंस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसके राजपूत ने बताया किचिप्स मई से फाइनल ईयर के छात्रों को ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट देगा। सामान्य कॉलेजों में परीक्षा की वजह से यह अगले साल से लागू होगी। करीब 25 हजार छात्रों को नौकरियां दिलाने का लक्ष्य है।

Wednesday, 1 March 2017

तकनीकी शिक्षा विभाग ने दिया सभी कॉलेजों प्राचार्यों को ई-सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश

भोपाल : क्वालिटी एजुकेशन के लिए तकनीकी शिक्षा विभाग पॉलीटेक्निक कॉलेजों में सुसज्जित लैब उपलब्ध नहीं करा पाया है। वहीं विद्यार्थियों को इंटरनेट सेवाओं पर आधारित सुविधाएं उपलब्ध कराने पर जोर दे रहा है। इसके लिए अब सभी सरकारी पॉलीटेक्निक कॉलेजों में ऑनलाइन ई-लाइब्रेरी बनाने की तैयारी है। विभाग ने पॉलीटेक्निक कॉलेजों के अलावा उन इंजीनियरिंग कॉलेजों से प्रस्ताव मंगाए हैं जहां विद्यार्थियों को इसकी सुविधा नहीं दी जा रही है।
राज्य मंत्री दीपक जोशी के निर्देश पर तकनीकी शिक्षा विभाग ने हाल ही में सभी कॉलेजों प्राचार्यों को ई-सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश में करीब 66 पॉलीटेक्निक कॉलेज हैं। इनमें से अधिकतर में ई-लाइब्रेरी नहीं है। वहीं शिक्षकों का कहना है कि पहले मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने पर जोर देना चाहिए। जिससे पढ़ाई सुचारु रूप से चल सके। सही ढंग से मूल्यांकन किया जाए तो मालूम होगा कि सामान्य लाइब्रेरी भी सही नहीं है।
प्राचार्यों से कहा दीजिए मांग पत्र
लाइब्रेरी के साथ स्मार्ट क्लासरूम बनाने को भी कहा गया है। इसके के लिए प्राचार्यों से अपनी जरुरतों के लिहाज से मांग पत्र मांगा गया है। इसमें प्राचार्यों को से लाइब्रेरी में लगने वाले सभी जरुरी उपकरणों की जानकारी मांगी है। इसके अलावा स्मार्ट क्लासरूम की संख्या और उसमें आने वाले खर्च का ब्योरा मांगा गया है। शिक्षकों का कहना है वे ई-लाइब्रेरी और स्मार्ट क्लास के विरोध में नहीं है। लेकिन इससे पहले अन्य बेसिक सुविधाओं पर ध्यान दिया जाना चाहिए।